सुना है पूरी दुनिया भटक कर अब तुम अपने शहर जा रहे ये भी अच्छा है वैसे वापस लौटना बहुत मुश्किल होता है ज्यादातर लोगों के लिए जड़ से उखड़े गमले में रोप हुए पौधे कहां आ पाते हैं वैसे नहीं आ पाती हैं मायके ज्यादातर ससुराल बसी लड़कियां किचेन में चुपचाप सांस रोके, बर्तनों को बार बार धोने के बहाने आंसू रोकती लड़कियां तुम्हारी बाड़ी में भी तो हैं कई पेड़ पौधे ओर गमले में लगे सूखे गुलाब हां तुम समझते नहीं गमले में लगे सूखे गुलाबों का दर्द इस बार एक नया पौधा लेते जाना तुम भी गुलाब का ओर फिर पूरी जिंदगी शिकायत करते रहना गुलाबों के कांटों, नखरों ओर सूख जाने के @gunjanpriya.blogspot.com