जब से तुम गए हो
जब से तुम गए हो
.... हां मैने अब इस बात को स्वीकार कर लिया है
कि दो समानांतर रेखाएं मिल नहीं सकतीं
मैने मान लिया है
कि कुछ रिश्तों की रिप्लेसमेंट नहीं होती
और
जिंदगी का आखिरी मुकाम
एक अनंत तलाश नहीं हो सकती
जैसा तुम मानते हो/ थे
बड़े आराम से हर बार अपने बे असूल जिंदगी में
जौन इलिया को दोहरा देते थे
कि तुम्हारी ही तमन्ना क्यों करें हम
अब तो मैने ये भी मान लिया है
कि 21वीं सदी में मुकम्मल जिंदगी ओर इश्क के सपने
दोनों ही सिरे से गायब हो चुके हैं
अब लोग कार्प दियाम ओर क्षण में जीने का दम भरते हैं
बहुत ही अभिमान के साथ
ओर जाते जाते तुम ये भी अहसास करवा गए हो
कि मेरी खुशफहमियों की सारी चाबियां मेरे ही पास हैं
अब अपनी रफ्तार में किसी पिलियन के
शरीक होने की दरकार नहीं
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