Dec 27, 2007

बिना सपनो की नींद

कहते हैं सबसे बुरा होता है-
सपनों का मर जाना,
कही मेरे सपने तो नही खो गए .....


अक्सर लोग सुनाया करते हैं
सपने देखे जो पिछली रात
अच्छा या बुरा, या कभी ऐसा
कि बात कुछ हज़म नही होती,
या वो बातें जिनका कोई तुक नही।
पर सपने तो सपने होते हैं॥
जब सभी अपने सपने सुनते होते हैं,
मेरे पास सुनने के सिवा कुछ नही होता।

रोज सोते वक़्त,
मई नींद से एक दुआ मांगती हूँ -
एक सपने कि दुआ।
पर आँख बंद करते ही,
सबकुछ अँधेरे मे डूब जाता है,
वो रंगीन बुलबुले भी नही दिखते-
जिनसे बचपन मी परियां आती थीं।

दिन भर कि हिम्मत-तोड़ थकान
और हारी कोशिशों मे,
शायद वो बुलबुले भी टूट जाते हैं,
जिनसे सपने बुनती हैं नींद।

3 comments:

Rashmi Chaudhary said...

सपने आते रहते हैं...
हकीकत के फसानों में..
सपने आते हैं नयी उम्मीद .लेकर...
सपनों को जिन्दा रखो...
क्यूंकि बहुत बुरा होता है सपनों का मर जाना...

Gpriya said...

shukriya...will keep them alive...

Rashmi Chaudhary said...

सपने आते रहते हैं...
हकीकत के फसानों में..
सपने आते हैं नयी उम्मीद .लेकर...
सपनों को जिन्दा रखो...
क्यूंकि बहुत बुरा होता है सपनों का मर जाना...