जब तुम कहते हो कि प्यार है मुझसे....

जब तुम कहते हो कि प्यार है मुझसे....
अच्छा जरूर लगता है
जब तुम कहते हो कि प्यार है बहुत मुझसे
मेरी रूह की खुशबू अब तक तुम्हारे ख्वाब में तैरा करती हैं

मुझे लगता है कि मै दौड़ कर तुम्हारे पहलुओ में आ जाऊं
रेशमी धागों में समेट लू तुम्हारी बिखरी जिन्दगी और
तुम्हारे वादों में भूल जाऊं हर माजी की कडवाहट को..

मगर ख़याल आता है तुम्हारा वादों के सहारे उम्र का खवाब बनना
हर सपने पे तुम्हारी कसौटियो की धुल का जमना
तुम्हारे जैसा बनने   की होड़ में खुद को भूल जाना
और फिर तुम्हारा ये कहना की मुझमे अच्छा क्या है...

ख्याल आता है हर बात में तुम्हारी ख़ुशी की कायल होना,
हर चोट लगने के बाद तुम्हारी छुवन की मरहम के लिए तरसना
और हर बार तुम्हारी इस बात से घायल होना, की मैंने ठोकर खाने के अलावा सीखा क्या है..

हाँ ये सच है की अब भी मेरे खयालो में तुम्हारा वजूद बाकी है..
पर तुम्हारी लाख कोशिशो के बावजूद,मेरी रूह अभी मरी नहीं...
अपनी मंजिले खुद तय करने के प्यास अभी भी बाकी है...
मै नकारती हूँ तुम्हारी मुहब्बत में लिपटी बंदिशों भरी आहट को
धोखे भरी निगाहों की साज़िश के साथ वही ठहर जा मेरे महबूब,
 जीने के लिए मेरे अन्दर खवाहिश अभी बाकी है..













 

 



 



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