Apr 23, 2012

तुम्हारा नाम चाहिए

मैं तुम्हारे शब्दों को छु लेना चाहती हूँ..
तुम्हारी कविता की लय बनकर..
उठती  कलम जब हर बार कागज को चूम
कुछ सुर्ख लम्हों को उकेरती होगी..
तुम्हारे हरूफ से लरजना चाहती हूँ..

सिर्फ नाम काफी है ..ख्यालो के लिए..
ख्वाब में खुद को ढूंढना चाहती हूँ..

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