Apr 18, 2014

नव वर्ष

मेह से विगलित
धरती पर नूतन नेह,
स्नेह से आलोकित
मधुमय गह.
नयी आकान्छाएं
ललित परिवेश,
नवीन कल्पनाओं के
हैं मुखर सन्देश.
हो पुण्य,
स्मृतियों से सिंचित
उपवन जीवन का हर्ष,
खुशियों से झूम उठे
नित नूतन नववर्ष.
१ जनवरी, 1998

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