Feb 22, 2019

जड़ से उखड़ी


तुम अब वापस नहीं आ सकते
क्युकी तुम किसी और से जुड़ चुके हो
और तुम्हारा ये नया 'कमिटमेंट'
उन तमाम लम्हों, महीनो और सालों से
ज्यादा बड़ा और मजबूत है

इतना विशाल
कि मैं उसे लांघ भी नहीं सकती
इतना मजबूत-
कि मेरे सारे जुडाव
तुमने एक झटके में ही तोड़ लिए हैं
कि मैं कहीं भी नहीं हूँ तुम्हारे वर्तमान में
और तुम्हारा कहना है
कि मुझे नहीं आना चाहिए बार बार

पर मैं कहाँ जाऊं
मैंने अपना गाँव नहीं देखा
न कहीं जड़ बनाई अपनी
मैं तो तुम्हारे गमले का पौधा हूँ
और अभी भी जिन्दा और रुग्न

तुमने बेहतर पौधे को पाया
और मुझे उखाड़ डाला
पर मैं अभी भी तुम्हारी उपज हूँ
तुम्हारे दरवाजे के बाहर
तुम्हारे द्वारा उखड कर फेंका पौधा

मैं ये नहीं कहती
कि तुम मुझे मेरा गमला वापस दे दो
बस इतना बता दो
कि सूख जाने के लिए कहाँ जाऊं

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