May 2, 2022

वजह तुम हो

हर रोज की तरह खुद से किए गए वादे
तोड़ते हैं की तुम्हे कभी याद नहीं करेंगे
हर साल एक रेजोल्यूशन बनाते हैं कि तुम्हे कभी उतनी जगह नहीं देंगे की तुम आंसुओं का समंदर बहा सको
हर रोज उम्मीद करते हैं तुम्हारे नाम के साथ 
कोई टीस न महसूस हो 
हर रोज भूल जाते हैं
अपनी बेकार कोशिशें
इन तमाम बातों में
अफसोस है अभी तक तुम ही नजर आते हो
हां हर बात की वजह तब भी तुम थे और अब भी...

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