Mar 26, 2023

पॉपकॉर्न

कुछ अनकहे शब्द परिभाषित करते हैं अब
हमारे बीच पसरे मौन
वो जो बिना बोले समझ लेने वाला वाकया था न
उसे हम उधर ही छोड़ आए हैं
मंडी हाउस की उस चाय की दुकान पर 
तुम्हारे सारे द्वंद के धुएं के साथ साथ 
रिक्त जगह में भर लो जितने भी पन्ने भरने हैं
श्री राम थियेटर के जीवंत नाटकों में
पॉपकॉर्न और फ्रेंच फ्राई की जरूरत नहीं होती 

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