Loneliness in a crowded city
Apr 27, 2023
ओस की बूंद
मैं रो रही थी
वह आया
सामने खड़ा हो गया
मैं नजर उठाए
एक और बूंद गिरी होगी शायद
मुस्कराने से पहले उसने देखा और
ओस की बूंद के साथ गायब हो गया
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment