बीच के खाली पन्ने

बीच के खाली पन्ने 
बहुत से
जो खाली रह गए हैं इस डायरी के
उन्हे तुम खुद भर लेना
उनका खालीपन हाथ की ओट से ढक देना
या कुछ ऐसा कर देना 
कि बिना लिखे ही उनके कुछ मायने हो जाएं
या उनके रीतेपन में ही कुछ ढूंढ लेना तुम

जिंदगी में भी तो बहुत बार ऐसा होता है
खाली कागज का खालीपन 
कभी कभी अचानक बोलने लगता है 
और होठों की खामोशी 
आंखों से तूफान बरसाने लगती है 

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