Dec 9, 2023

अमावास का टिमटिमाता तारा

 तुम चाहो तो चाँद को छु लो 

मैं  झील किनारे ही बैठना चाहती हूँ 

लहरों के बीच बनती बिगडती 

चाँद की परछाई  देखते रहना चाहती हूँ 


मैं डरती हूँ चाँद को छूने से कहीं दाग न लग जाये 

बस आईने की ख़ूबसूरती निहारना चाहती हूँ 

तुम महफ़िल की  रौनक बनना चाहते हो 

मैं अमावास का टिमटिमाता तारा 

आसमान की ऊंचाई और झील की गहराई 

कुछ ऐसा ही फर्क है तेरी मेरी चाहत में 

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