औपचारिक
आखिरी बार अपना दिल समेटने से पहले
हम उसकी पेशानी चूम लेना चाहते थे
उसे आगोश में भरना चाहते थे
उसके बालों को सूंघना चाहते थे
उसके वजूद को अपने दिल ओर दिमाग में हमेशा के लिए जज़्ब कर लेना चाहते थे
ओर ये सब हमने किया
सिर्फ खामोश रहकर
अपनी नजरों से
ताकि वो परेशान न हो
उसका कहना है हम दोस्त हैं
अब मेरे ओर उसके बीच इन औपचारिकताओं की जरूरत नहीं
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