मैं दो मिनट का मौन रखूंगी
तुम्हारे ओर मेरे लिए
उन तमाम बातों के लिए जिनका जिक्र करते हुए
बहुत सालों बाद बहुत हंसी आएगी
सचमुच कितनी बेवकूफियों भरी बातें थीं
मगर अभी
ऑफिस का टाइम हो रहा है
अभी मुझे बर्तन धोने हैं और घर की सफाई करनी है
अभी जाते जाते मुझे छुट्टियों मे बच्चे के ट्यूशन का इंतजाम करना है
रस्ते में रात की बची रोटियां
रेड लाइट पर किसी भिखारी को देने के लिए पैक करनी हैं
अभी बहुत काम है दोस्त
इसलिए दो मिनट का मौन काफी है
या इंस्टाग्राम पर एक कविता तुम्हे अर्पित कर दूं
इंप्रैक्टिकल, बेसिरपैर का प्रेम न तुम्हारे काम का है न मेरे पास वक्त है उसे सही जगह सहज कर रखने का
चलो दो मिनट का मौन रख लेना तुम भी
ओर निकल पड़ना अपने अगले गंतव्य की ओर
Comments